आपको भी घरों और ऑफिसों की नई नई बिल्डिंग अटरेक्ट करती है और क्या आप भी ऐसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर को डिजाइन करने की इच्छा रखते हैं।
अगर आप इस तरह की डिजाइनिंग में इंटरेस्टेड हैं और Architect बनने की चाहत रखते हैं तो आज का यह आर्टीकल आपके लिए है दोस्तों क्योंकि आज हम Architecture Kya Hota Hai और इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें बताने वाले हैं इसीलिए इस आर्टीकल को भी लास्ट तक जरूर पढीए।
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Architecture Kya Hota Hai
आर्किटेक्चर किसी भी फिजीकल स्ट्रचर जैसे बिल्डिंग, कम्युनिटीज को डिजाइन करने की ऐसी स्टडी है। इसमें डिजाइन की आर्ट और साइंस को प्लेन करके स्ट्रचर तैयार किए जाते हैं।
एक Architect न केवल डिजाइन तैयार करता है बल्कि Construction के हर फेज में इंवोल्व होता है। यानी इंनीसील Discussion से लेकर Construction पुरा होने तक ।
ऐसे में एक Architect में डिज़ाइनर, इंजीनियर, मैनेजमेंट और सुपरवाइजर की क्वालिटी शामिल होनी चाहिए।
Architect क्लाइंट की डिमांड और बजट के अकॉर्डिंग रेजिडेंशियल, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल बिल्डिंग तैयार करते हैं।
Architecture बनने के लिए आपको क्या-क्या करने की जरूरत है
Architect बनने के लिए आपको B.Arch यानी कि बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की डिग्री ले रही होगी।
B.Arch एक 5 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम है जिसे कंप्लीट करने के बाद आप एक Architect बन जाएंगे।
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B.Arch डिग्री लेने के बाद आप एक Professional Architect करने के लिए, आप को लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए आपको COA (काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर) में रजिस्टर करना होगा और Official लाइसेंस मिलने से पहले आपको एक Qualified Exam भी देना पड़ सकता है।
इसके लिए आपके पास 12th क्लास में मिनिमम 50% होने जरूरी है। साथ ही आपके सब्जेक्ट मैथमेटिक्स, केमिस्ट्री और फिजिक्स होने चाहिए। यानी की आप PCM सब्जेक्ट 12th क्लास पास करें।
आप 10th क्लास के बाद भी B.Arch Course के लिए अप्लाई कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपके पास सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना जरूरी है। जिसने मिनिमम 50% मार्क्स कंपलसरी है।
इसके बाद आपके पास दो एंट्रेंस टेस्ट के जरिए B.Arch में एडमिशन लेने का ऑप्शन रहेगा। जिसमें आप रेपीटेड इंस्टिट्यूट में स्टेडी कर सकते हैं। यह Exam है NATA और JEE
NATA (National Aptitude Test in Architecture) जो की यह नेशनल लेवल Exam है।
JEE एग्जाम IIT में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेस Test है जिसमें JEE एडवांस की रैक और AAT (Architecture Aptitude Test) के जरिये एडमिशन मिलता है।
IIT में एडमिशन के लिए आपका हाई स्कोर होना चाहिए, तभी आपको ऐसे रेप्युटेटेड इंस्टीट्यूट से आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने का मौका मिल सकता है।
Best Architecture College in India
इनके अलावा कुछ और इंस्टीट्यूट भी अपने ऐट्रेंस टेस्ट कंडक्ट करवाते हैं। आइए अब आपको ऐसे टॉप कॉलेजेस के बारे में बताते हैं जहां से आप B.Arch Course कर सकते हैं।
- Indian Institute of Technology, Roorkee
- Birla Institute of Technology, Mesra
- Faculty of Architecture, MAHE, Manipal
- School of Planning & Architecture, Delhi
- Sir J.J. College of Architecture, Mumbai
- Indian Institute of Technology, Kharagpur
- Faculty of Architecture JamiaMilia, Delhi
- National Institute of Technology, Trichy
B.Arch की डिग्री लेने के बाद आप बहुत से ऐरिया में जॉब सर्च कर सकते हैं जैसे
- Architect Planner
- Interior Designer
- Landscape Architect
- Surveyor
- Construction Manager
- Environment Architect
- Project Architect etc.
बहुत सी कंपीज एंट्री लेवल जॉब के लिए केंपस हायरिंग भी करती है जैसे कि
- CBRE
- L&T
- Hafeez Contractor
- Hiranandani Group
- Kreative House
- Atkins
- Sobha Group
- CCB
- DAAR
- Vconstructions etc.
एक Architect में बहुत सी Skills होनी जरूरी है जैसे
- गुड कम्युनिकेशन Skills
- मैनेजमेंट Skills
- Viduslization Skills
- टेक्निकल Skills और क्रिएटिव थिंकिंग ।
Architect के प्रोफेशन में कदम रखने से पहले आपको इसके Prose और Cones भी जान लेना चाहिए।
Architect के तौर पर आपको ग्रोथ अप्रोच्युनीटी मिलती है और इंटरनेशनल ऐक्सपॉल्जर के चान्स भी बढ़ते हैं। इसके अलावा कुछ साल के Experience के बाद सैलरी पैकेज भी अच्छा मिलता है।
इतने प्रोफीट देने वाले इस प्रोफेशन की कुछ Cones भी है जैसे
- Starting में Low Salary सैलरी पैकेज मिलना ।
- Working Hours लंबे हो ना ।
- हर क्लाइंट के रीक्वायरमेंट टाइम के अकॉर्डिंग डिजाइन में करेक्शन करना।
जहां तक सैलरी की बात है एक Architect तौर पर आपको Starting की सैलरी 25 से 35 हजार तक मिल सकती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका Experience बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे आपकी सैलेरी भी तेजी से बढती जाएगी।
इसीलिए आपका फोकस Experience लेने और अपनी CV में हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट का Experience ऐड करने में होना चाहिए।
Architect बनने के लिए क्या करना होगा यह तो आप जान के लिए। लेकिन अभी भी यह जानना बाकी है कि Residential Architect और Commercial Architect में क्या Difference है।
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Residential Architect और Commercial Architect में क्या Difference है।
Residential Architect :- हाउस, अपार्टमेंट जैसे Places तैयार करते है इन्हे Interior Designer के साथ मिलकर घर का प्रासनलाईज और स्टाइलिश Concept तैयार करना होता है।
Resident की जरूरत के हिसाब से एक Architect को घर में हर जरूरी चीज के लिए स्पेस Create करना होता है। और Plumbing, Electricity जैसी सभी जरूरी चीजो की Facility का भी ध्यान रखना होता है साथ ही Decorative Aliment का भी ध्यान रखना होता है।
एक रेजिडेंशियल आर्किटेक्ट्स को कमर्शियल Architect की तुलना में स्मॉल स्केल पर Creations करना होता है।
Commercial Architect :- जहां तक कमर्शियल Architect की बात है तो ऐसे Architect लार्ज स्केल पर काम करते हैं। क्योंकि उन्हें बैंक, हॉस्पिटल और ऑफिस जैसी बिल्डिंग बनानी होती है।
बिजनेस बिल्डिंग की सभी रिक्वायरमेंट जैसे लॉबीज, पार्किंग स्पेस, ब्रेक रूम्स, पब्लिक रेस्टरूम, लोडिंग डॉक्स ओर एलिवेटर्स के लिए प्लान रखना होता है। साथ ही कमर्शियल Safety का भी ध्यान रखना होता है।
कमर्शियल Architect कमर्शियल डिजाइनर के साथ मिलकर ही यह कंफर्म करते हैं कि बिल्डिंग क्लाइंट के रिक्वायरमेंट से Match करेगी । रेजिडेंशियल और कमर्शियल Architect के बीच Difference समझ ने के बाद अब interior Designer और Architect के बीच Difference समझना भी जरूरी है।
Difference interior Designer or Architect
Architect किसी बिल्डिंग के स्टेक्चर के लिए रिस्पांस होता है जबकि इंटीरियर डिज़ाइनर किसी बिल्डिंग के इंटीरियर के लिए होता है।
Architect बनने के लिए कैंडिडेट के पास आर्किटेक्चर में बैचलर डिग्री यानी B.Arch Degree होनी चाहीए ।
जबकी interior Designer बनने के लिए बैलर डिग्री (Architecture, Fine Art, Furniture Design, interior Design, interior Architecture, Textile Design, 3D Design) या इंटीरियर डिजाइनिंग में डिप्लोमा होना जरूरी है।
जब किसी बिल्डिंग को नए सिरे से बनाना हो या उसमें स्ट्रक्चरल चेंजेज करने को तो Architect की Help ली जाती है। जबकि इंटीरियर डिजाइनर की हेल्प तब ली जाती है। जब यातो Old Place को करना हो या फिर New Place के लिए New Design की जरूरत हो।
Architect का ज्यादा फोकस फॉर्म, मैटेरियल, क्लाइमेट, लाइटिंग, वेंटिलेशन, फ्लोरिंग जैसे टेक्निकल रिक्वायरमेंटस पर रहता है।
जबकि interior Designer ज्यादा टेंशन स्पेस की हुमन सॉक्लोजी और इमोशनल ऑस्पेट पर होता है।
तो दोस्तो आप अब आप Architecture Kya Hota Hai और इससे जुड़ी सभी Important इंफॉर्मेशन मिल चुकी हैं साथ ही आपको रेजिडेंशियल और कमर्शियल Architect के बीच का अन्तर भी पता चल गया।
इतना ही नहीं अब आप Architect और Interior Designer के बीच के अन्तर को समझ गये होगे और Hinditechhouse को उम्मीद की यह आर्टीकल आपको बहुत पंसद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी साबित होगा
आगे भी ऐसे ही ऐसे ही innovative और Instating जानकारी लेने के लिए हमारे ब्लॉग Hinditechhouse.com पर जरूर पधारीए तब तक के लिए ध्यनवाद ।