हम अपने जीवन में कुछ भी काम करते हैं तो सबसे पहले हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं जैसे हम अपनी सुरक्षा के लिए ड्राइविंग करते वक्त हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं |
बैंक में पैसे जमा कर हमारे पैसे को सुरक्षित हैं Mobile और लैपटॉप को वायरस से बचाने के लिए एंटीवायरस का इस्तेमाल कर डिवाइस को सुरक्षित रखते हैं |
उसी तरह जब हम Internet का इस्तेमाल कर Browser से कोई इंफॉर्मेशन सर्च करते हैं या Online ट्रांजैक्शन करते हैं तब हमारे डिवाइस और Server के बीच एक सुरक्षित घड़ी मौजूद रहती है |
जो हमारे पर्सनल Data को किसी Hacker की नजरों से बचाकर रखती है उसका नाम है HTTPS |
हम सभी Internet का प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं और आपने यह भी देखा होगा कि किसी भी Website के Doman ऐड्रेस के पहले HTTP या HTTPS लिखा होता है |
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसका मतलब क्या है और इसका क्या इस्तेमाल होता है आज के आर्टिकल में हम आपको इसी विषय के बारे में जानकारी देने वाले हैं |
जहां पर हम आपको ही बताएंगे HTTP और HTTPS क्या है और इन दोनों के बीच क्या डिफरेंस होता है |
लेकिन उससे पहले आप सभी का हमारे ब्लॉग Hinditechhouse.com में बहुत-बहुत स्वागत है |
HTTP Kya Hai
HTTP का पूरा नाम है हाइपर टेक्स्ट Transfer प्रोटोकॉल यह एक प्रकार का Network प्रोटोकॉल है जो वर्ल्ड वाइड वेब में उपयोग होता है |
यहां पर प्रोटोकॉल रूल्स का सेट होता है जो Browser और Server के बीच कम्युनिकेशन चैनल का कार्य करता है और दोनों के बीच Data Transfer के कार्य को नियंत्रित करता है |
जब हम वेब Browser के ऐड्रेस बार पर किसी एक Website या ब्लॉग का Doman नेम लिखते हैं जैसे हमने hinditechhouse लिखा और जैसे ही हम एंटर दबाते हैं |
तो अपने आप ही Browser के वेब एड्रेस पर http:// के साथ Doman नेम जुडा आ जाता है http://hinditechhoude.com जिसके बाद हमारा ISP Browser को HTTP के साथ कनेक्ट करने की अनुमति देता है |
और जिस Server मे उस Doman नेम का Hosting रहता है HTTP Browser को उस Server के साथ कनेक्ट कर Doman नेम से जुड़े सभी Data यूजर के स्क्रीन पर दिखा देता है |
Server में सारे फाइल स्टोर रहते है और क्लाइंट की रिक्वेस्ट के अनुसार ही server-client को रिस्पोन्स करता है |
यहां पर हमारा वेब Browser एक क्लाइंट की तरह काम करता है वेब Browser और Server के बीच किसी भी प्रकार का Data Transfer होने पर इन्हे कुछ नियमों का पालन करना होता है |
और यह नियम HTTP प्रोटोकोल द्वारा निर्धारित होते हैं HTTP TCP प्रोटोकोल को पोर्ट असी इस्तमाल करता है ताकि आसानी से Data पैकेट वेब में सेड और रिसीव कर सकें |
क्योंकि HTP पोर्ट 80 का इस्तेमाल करता है इसीलिए Security बहुत कम रहती है जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से क्लाइंट और सफर के बीच के कनेक्शन को तोड़ सकता है |
Data की चोरी कर सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर कोई इसको तोड़ सकता है इसे तोडने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की अच्छी नॉलेज होना बहुत जरूरी है |
अगर आप किसी Website पर आर्टिकल पढ़ते हैं या कही से गाने डाउनलोड करते है तो ऐसे इनफॉरमेशन Hacker के हाथ लगने से भी आपको इससे कोई हानी नहीं होगी |
लेकिन अगर बात ईमेल अकाउट, Net banking और Online Transaction जिसमें आईडी और पासवर्ड का उपयोग होता है |
तो ऐसे सेंसेटिव इनफॉरमेशन किसी Hacker के हाथ आ जाए तो आप को भारी नुकसान हो सकता है |
HTTPS Kya Hai
HTTPS का पूरा नाम है हाइपर टेक्स्ट Transfer प्रोटोकोल सिक्योर, HTTPS भी वही सारे काम करता है जो HTTP करता है लेकिन HTTPS प्रोटोकॉल में मजबुत Security फिचर मिलता है |
HTTPS HTTP का सिक्योर यानी सुरक्षित वर्जन है क्योंकि इसमें SSL सिक्योर सॉकेट लेयर का इस्तेमाल होता है |
जिसका काम Browser और Server के बीच एंक्रिप्टेड फॉम में Data Transfer करना होता है SSL RSA Algorithm पर आधारित होता है |
जहां पर SSL में एक पब्लिक Key और एक प्राइवेट Key का उपयोग होता है |
पब्लिक Key का उपयोग इनफॉरमेशन को एंक्रिप्ट करने के लिए और प्राइवेट Key को इंफॉर्मेशन डीएंक्रिप्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
HTTPS कनेक्शन में सारे Data को क्रिप्टोग्राफी के द्वारा एंक्रिप्ट कर दिया यानी एक ऐसे फॉर्मेट में बदल दिया जाता है जिससे बिना डिक्रिप्शन Key के डिकोट कर पाना मुश्किल होता है |
और इसी तरह Transfer हो रहे थे सिंसेटीव Data यानी इनफॉरमेशन को सुरक्षित किया जाता है |
HTTPS से Data काफी सिक्योर रहता है क्योंकि वह इंक्रिप्टेड फॉर्म में होता है जिसे हैक कर पाना मुश्किल हो जाता है |
अगर किसी Hacker ने इनफॉरमेशन को हैक भी कर लिया हो तो वह इंक्रिप्टेड फॉर्म में ही रहेगा जिससे उन Data को अपने काम में लाने के लिए Hacker को डेटा डिक्रिप्शन करना होगा |
जो थोड़ा मुश्किल काम है यही वजह है कि मनी Transfer या Online ट्रांजैक्शन के लिए जितने भी Website है वह HTTPS कनेक्शन का इस्तमाल करते हैं ताकि युजर का Data सुरक्षित है |
आपने किसी Website के URL की शुरुआत में HTTPS:// लगा हुआ देखा होगा इसका मतलब यह है कि आपका Data SSL के जरिए सुरक्षित किया गया है |
ऐसे URL के सामने हरे रंग का लोक आईकन के साथ सिक्योर लिखा हुआ दिखाई देता है |
HTTP And HTTPS Difference
1 HTTP एक ऐसा प्रोटोकोल है जिस पर यूजर Data और इंफॉर्मेशन हाइपरटेक्स के फॉर्म में जाता है यानी की प्लेन टेक्सट में जाता है जिस को हैक किया जा सकता है |
जबकि HTTPS सिक्योर है अर्थात आपके Browser और Website की बीच सभी Data Transfer इंक्रिप्ट किए गए हैं जिसकी वजह से Data Hacker द्वारा हैक नहीं किया जा सकता है |
2 HTTP का URL HTTP:// के साथ शुरू होते हैं जबकि HTTPS का URL HTTPS:// के साथ शुरू होते हैं |
HTTP प्रोक्सी Server HTTP कनेक्शन पोर्ट 80 को सपोर्ट करता है जबकि HTTPS प्रॉक्सी Server SSL कनेक्शन पोर्ट 443 को सपोर्ट करता है इसीलिए HTTPS HTTP के मुकाबले ज्यादा सिक्योर है |
3 HTTP द्वारा Online बैंकिंग और Online शॉपिंग करना उचित नहीं है जबकि HTTPS का उपयोग अक्सर Online ट्रांजैक्शन में लेन देन सुरक्षा में किया जाता है |
4 कई ब्लॉक, स्कूल या कॉलेज की Website जो की इंफॉर्मेशन शेयर करने के लिए बनाए जाते हैं वह HTTP का इस्तेमाल कर सकते हैं |
5 HTTP में किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती इसीलिए यह फ्रि होता है और अपने आप सभी ब्लॉग या Website में ऐड हो जाता है |
लेकिन HTTPS एक पेड सर्विस है जिसको इस्तेमाल करने के लिए SSL सर्टिफिकेट की जरूरत होती है |
SSL सर्टिफिकेट की वजह से Website और ब्लॉग में अच्छी खासी ट्रैफिक भी आती है |
अंत में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि कभी भी आप किसी ऐसी Website में अपनी पर्सनल डिटेल्स जैसे की ईमेल आईडी और पासवर्ड या क्रेडिट, डेबिट कार्ड की डिटेल नहीं डाले जिस Website के आगे केवल HTTP पर लगा हो |
क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो आप बड़ी आसानी से किसी Hacker द्वारा हैक हो सकते हैं जो आपकी पर्सनल डिटेल्स को चोरी कर सकता है |
इसीलिए हमेशा सतर्कता के साथ Internet पर काम करिए और अपने आप को सुरक्षित रखें |
उम्मीद है कि आपको HTTP और HTTPS क्या है और इनकी बीच में क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा और हम यह भी उम्मीद करते हैं कि अब आप जिस भी Website को सर्व करेंगे |
तो उसके आगे लगे HTTP और HTTPS के महत्व को समझ पाएंगे और जान पाएंगे कि उस Website में आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स डालनी है या नहीं |
आशा है कि दोस्तों आपको दिया गया आर्टिकल के ऊपर संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है कि दिए गए विषय के ऊपर पूरी जानकारी मिले जिससे कि आपको और कहीं जाने की जरूरत ना पड़े |
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